शनिवार, 13 फ़रवरी 2010
तदर्थ या संविदा कर्मचारी को मनमाने तौर से नहीं हटाया जा सकता
यह सुस्थापित न्यायिक कानून है कि एक तदर्थ या संविदा कर्मचारी को दूसरे तदर्थ या संविदा कर्मचारी की नियुक्ति करने के लिए नहीं हटाया जा सकता। इस सम्बन्ध में उच्चतम न्यायलय तथा उच्च न्यायालयों के बहुतायत से निर्णय उपलब्द्ध हैं। इस तरह के कर्मचारियों को सेवा में रहने का तब तक अधिकार है जब तक उस पद पर नियमित नियुक्ति नहीं हो जाती।
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1 टिप्पणी:
Anek shubhkamnayen!
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