मंगलवार, 23 फ़रवरी 2010

मृतक आश्रित को नौकरी - पारदर्शी दिशानिर्देश

हिंदुस्तान दैनिक २४/०२/२०१०- "मृतक आश्रितों की भर्ती में पारदर्शिता के लिए डाक विभाग ने नई व्यवस्था लागू कर दी है। अब इस विभाग में नियुक्ति के लिए मृतक आश्रितों का चयन मेरिट (अंक) के आधार पर किया जाएगा। सेवाकाल में मौत या अक्षमता पर सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी के परिवार की वित्तीय स्थिति, संपत्ति, जिम्मेदारी, परिवार के आकार तथा बच्चों की उम्र के आधार पर अंक दिए जाएंगे।

यह काम एक कमेटी करेगी। इस मूल्यांकन में जो आवेदक सबसे अधिक अंक पाएंगे, उसे ही नौकरी दी जाएगी। ऐसा पारदर्शिता के लिए किया गया है क्योंकि मृतक आश्रित की नियुक्ति में केंद्र सरकार ने पांच प्रतिशत की सीलिंग लगा रखी है। सीधी भर्ती के कुल रिक्त पदों के पांच प्रतिशत पर ही शैक्षिक योग्यता के अनुसार मृतक आश्रित नियुक्त किए जाते हैं।

डाक विभाग में इस व्यवस्था के दुरुपयोग की काफी शिकायतें आई। जरूरतमंदों को दरकिनार कर उन कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने के भी मामले आए हैं, जो आर्थिक तौर पर सबल हैं। यही वजह है कि इस व्यवस्था में पारदर्शिता के लिए विभाग को यह नया सिस्टम लागू करना पड़ा।

डाक विभाग के निदेशक (स्टॉफ) बीपी श्रीदेवी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि मृतक आश्रित के भर्ती की व्यवस्था उन आश्रितों की मदद के लिए बनाई गई है, जिनके कमाऊ सदस्य के इस दुनिया से चले जाने के बाद परिवार के जीविकोपाजर्न मुश्किल हो जाता है। इस सुविधा का लाभ ऐसे जरूरतमंद ही उठा सकें इसलिए मेरिट सिस्टम लागू किया गया है। मूल्यांकन 100 अंकों के आधार पर किया जायेगा।" (स्रोत - हिंदुस्तान दैनिक २४/०२/२०१०)
केंद्रीय सर्कार द्वारा विगत माह,जनवरी २०१० में आश्रित की आर्थिक परिस्थितियों के आकलन के लिए तथा कुछ और विन्दुओं को जो मृतक आश्रित को नौकरी देने के लिए ध्यान में रखी जानी चाहिए, स्पष्ट रूप से चिन्हित करते हुए उन पर अंक निर्धारित किया है । इसके विस्तृत विवरण के लिए कृपया अगला सन्देश (अंग्रेजी में) देखें।
- डा वसिष्ठ नारायण त्रिपाठी

3 टिप्‍पणियां:

pavanesh pandey ने कहा…

kya mai apne pita ji ke jagah me naukari paa sakta ho ,jinaki mrityu naukari ke hi samay me hi ho gayee thi uske baad mata ji ki tabiyad bigadh gayee unko kainsar ho jinake dawa upchaar me kafee karj lena padha ,aur unki bhi mrityu ho gayee ab hum kya kare unke ilaj ke liye hum ruk gaye hamree naukari hi chali gayee ab hame naukari ki bahut jaroot hai,mera naam rajesh pandey s/o late kedar naath pandey,

pavanesh pandey ने कहा…

kya mai apne pita ji ke jagah me naukari paa sakta ho ,jinaki mrityu naukari ke hi samay me hi ho gayee thi uske baad mata ji ki tabiyad bigadh gayee unko kainsar ho jinake dawa upchaar me kafee karj lena padha ,aur unki bhi mrityu ho gayee ab hum kya kare unke ilaj ke liye hum ruk gaye hamree naukari hi chali gayee ab hame naukari ki bahut jaroot hai,mera naam rajesh pandey s/o late kedar naath pandey,

Dr. V. N. Tripathi ने कहा…

राजेशजी, खेद है कि मैंने बहुत दिन बाद ब्लॉग पर लाग इन किया। आपने अपने पिताजी की मृत्यु की तारीख नहीं लिखा है यह भी नहीं लिखा कि वे किस विभाग में थे। कृपया सम्बंधित विभाग की आश्रित नियमावली देख लें। तदनुसार कार्यवाही करें। सामान्यतया मृत्यु से 5 वर्ष के अन्दर आश्रित का आवेदन मान्य होता है।